दोस्तों आज हम बात करने वाले हैं Mobile Network Generation क्या है। अगर आप एक मोबाइल फोन यूजर है तो ऐसे में आपके लिए आज की यह जानकारी काफी फायदेमंद होने वाली है क्योंकि अगर इन Mobile Generation का एडवांसमेंट नही हुआ होता तो आज हम इसके सुविधाओं का लाभ नही उठा रहे होते, जैसे कि बहुत सारे चैनल्स,3G,4G जैसे टेक्नोलॉजी, हाई स्पीड इंटरनेट आदि। इस आर्टीकल को पूरा पढ़कर आप Mobile Network Generation से जुड़ी सभी जानकारी प्राप्त कर सकेंगे।
Mobile Generation Network क्या है
जब कभी टेक्नोलॉजी में कोई बड़ा बदलाव होता है तो यह जनरेशन चेंज होती हैं आपने 1G,2G,3G,4G,5G के बारे में जरूर सुना होगा। इसमे G का मतलब होता है Generation जिसे हिंदी भाषा में पीढ़ी भी कहते हैं। यह जनरेशन पूरे क्रम में समय समय पर चेंज होती रहती है जैसे कि बीते कुछ वर्षों पर यदि नजर डाले तो हम देख सकते हैं कि Mobile Network Generation की शुरुआत 1G से हुई थी जो कि अब धीरे धीरे 5G की तरफ आगे बढ़ रही हैं जो कि पिछले जितने भी जनरेशन थे उनसे काफी तेज और एडवांस होगी। जैसे जैसे स्पीड इनक्रीस होती है वैसे वैसे उस स्पीड को हासिल करने के लिए उस टेक्नोलॉजी को भी बदलना पड़ता है। इसका सबसे बढ़िया उदाहरण हैं कि जब भारत में jio4G लॉन्च हुआ तो उसी के साथ ही 4G हैंडसेट की बिक्री में भी काफी बढ़ोतरी देखने को मिली। क्योंकि 4G नेटवर्क को यूज़ करने के लिए यूजर के पास 4G मोबाइल फोन का होना आवश्यक था।
Mobile Network Generation के प्रकार
अब हम Mobile Network Generation के प्रकार के बारे में विस्तार से जानेंगे और किस तरह से उनमें बदलाव आया।
1Generation (1G)
वायरलेस टेलीफोनी की पहली तकनीक को 1G के नाम से जाना जाता है। यह मोबाइल नेटवर्क तकनीक एनालॉग सिग्नल पर आधारित थी। इसे आवाज के संचार के लिए विशेष रूप से तैयार किया गया था। इस तकनीक का इस्तेमाल 1980 के दशक की शुरुआत में सबसे पहले अमेरिका में किया गया था। लेकिन पहली बार 1987 में टेलीकॉम ने इसे लोगों के समक्ष रखा था
यद्यपि इस तकनीक में कई कमियां थी जैसे कि डाटा ट्रेवलिंग स्पीड की कमी, आवाज की स्पष्टता में कमी, बेट्री की खपत ज़्यादा होना,रोमिंग सिस्टम उपलब्ध नहीं होना,किसी भी प्रकार की डेटा सुरक्षा का न होना,मोबाइल डाटा को सपोर्ट नही करना,कॉल ड्राप होना आदि। लेकिन फिर भी यह उस समय की सबसे उच्चतम तकनीक थी। इसी वजह से इस तकनीक का उपयोग लगभग 13 सालो तक किया जाता रहा था।
2Generation (2G)
2G मोबाइल टेलीफोन की दूसरी पीढ़ी थी जिसमे टेक्नोलॉजी एनालॉग की जगह डिजिटल सिग्नल का उपयोग किया गया था। इसे सबसे पहले फिनलैंड में साल 1991 में लॉन्च किया गया था। 2G में GSM (ग्लोबल सिस्टम फ़ॉर मोबाइल कम्युनिकेशन) तकनीक का इस्तेमाल किया गया था। जिसकी वजह से 1G में होने वाली परेशानियों को दूर किया जा सका था। इस तकनीक में डेटा स्पीड को 64kbps तक बढ़ाया गया, टेक्स्ट और मल्टीमीडिया मेसेज भेजने में सफलता पाई गई, कॉल ड्राप की समस्या को दूर किया गया,रोमिंग की सुविधा उपलब्ध कराई गई, यूजर के डेटा को कुछ हद तक सुरक्षा देने में भी सफलता पाई जा सकी थी। हालांकि कुछ समय बाद 2G में GPRS तकनीक का भी उपयोग किया गया जिसकी वजह से ईमेल, वेब ब्राऊज़िंग और तेज अपलोड डाउनलोड जैसे कार्य भी सरलता से होने लगे थे। इस तकनीक में काफी कम ऊर्जा की खपत होती थी जिसकी वजह से मोबाइल फोन की बेट्री ज़्यादा समय तक चलती थी।
3Generation (3G)
वायरलेस मोबाइल नेटवर्क की तीसरी जनरेशन को साल 2001 में ITU ( इंटरनेशनल टेलीकॉम्युनिकेशन यूनियन ) ने विकसित किया गया था। इस तकनीक ने मोबाइल की दुनिया में एक क्रांति ला दी थी। मोबाइल जनरेशन की यह पीढ़ी पिछली पीढ़ियों के मुकाबले काफी एडवांस थी। इस जनरेशन में कम्युनिकेशन की गति काफी तेजी से बढ़ी। यह तकनीक विशेषकर स्मार्ट फोन के लिए ही बनाई गई थी। 3G तकनीक के साथ ही टेक्स्ट,इमेज,वीडियो कॉल,मोबाइल टेलीविजन जैसे कार्य सम्भव हो सके और साथ ही तकनीक में उच्च गति वेब ब्राउज़र और 3D गेम्स जैसी सुविधाएं उपलब्ध हो सकी थी। 3G तकनीक का सबसे ज़्यादा उपयोग डाटा ट्रांसफर करने में किया गया था क्योंकि इसमें डाटा ट्रेवलिंग की स्पीड लगभग 144kbps से 2mbps थी। इस तकनीक के आने के बाद डाटा और अधिक सुरक्षित हो गया था और विश्वशनियता बढ़ गई थी। डाउनलोडिंग स्पीड 2G के मुकाबले काफी बेहतर थी। हालांकि 3G में कुछ कमियां भी थी जैसे इसके डाटा सर्विस पैक काफी महंगे हुआ करते थे और मोबाइल में पॉवर कसम्पसन अधिक था। रोमिंग और डाटा/ वॉइस कॉल एक साथ करना सम्भव नहीं था और 3G स्मार्ट फोन काफी महंगे हुआ करते थे। लेकिन फिर भी यह पिछली सभी मोबाइल नेटवर्क पीढ़ियों की अपेक्षा काफी बेहतर और सफल थी।
4Generation (4G)
मोबाइल जनरेशन की चौथी पीढ़ी को 4G नाम दिया गया इसे मोबाइल ब्रॉडबैंड भी कहा जाता हैं। यह पूरी तरह से वायरलेस कॉम्युनिकेशन टेक्नोलॉजी हैं। 4G को साल 2000 में ही डेवेलोप कर लिया गया था लेकिन इसका इस्तेमाल 2008 में होने लगा था। यह तकनीक दो तरह से LTE और VoLTE में उपयोग की जाती हैं। 3G के मुकाबले 4G की स्पीड कई गुना अधिक है। 4G इंटरनेट ब्राउजर उपयोग करने, ऑनलाइन गेम्स खेलने,लाइव स्ट्रीमिंग के साथ साथ हाई स्पीड इंटरनेट उपयोग करने की अनुमति यूजर को देता है। इसी के साथ 4G में कुछ विशेषताए भी है जैसे कि इसमे बड़े डेटा और फाइल्स को सेंड और रिसीव करने के लिए हाई स्पीड इंटरनेट की सुविधा मिल जाती हैं और यूजर की सुरक्षा,गोपनीयता का विशेष ध्यान रखा जाता हैं। यह तकनीक ग्लोबल रोमिंग को सपोर्ट करती हैं। 4G डेटा प्लान जिओ4G के आने के बाद काफी सस्ते दामों पर मिल जाते हैं। हालांकि 4G में कुछ खामियां भी देखी गई हैं जैसे कि इसकी कनेक्टिविटी सभी जगह एक समान नही है और इस तकनीक को यूज़ करने के लिए 4G मोबाइल फोन होना आवश्यक होता हैं। 4G नेटवर्क में मोबाइल फोन बेट्री की खपत अधिक होती हैं। इन कमियों के होने पर भी फिलहाल सभी विकसित देशों में 4G का यूज़ किया जा रहा है और यह तकनीक लोगों को पसन्द भी आ रही हैं।
5Generation (5G)
5G वायरलेस मोबाइल टेक्नोलॉजी की 5वी पीढ़ी है यह एक बहुत ही बड़े वायरलेस नेटवर्क टेक्नोलॉजी के रूप मे पहचानी जाने वाली हैं। जो कि वर्तमान में चल रही 4G स्टेंडर्ड से भी ज़्यादा फ़ास्ट चलने वाला है क्योंकि 5G वायरलेस मोबाइल तकनीक को 4G से अधिक इम्प्रूव किया गया है। इसकी सुरुवात सन 2020 में होने की पूरी सम्भावना है। 5G नेटवर्क में हायर कनेक्शन डेंसिटी और फास्टर डेटा रेट्स जैसे कई इम्प्रोवेमेंट्स हमे देखने को मिल सकते हैं और अगर डेटा स्पीड की बात की जाए तो इसमें करीब 20Gbps तक कि स्पीड हासिल की जा सकती हैं जो कि अब तक कि सभी मोबाइल नेटवर्क जनरेशन में सबसे अधिक है। इसमें सभी मल्टीमीडिया को हाई डेफिनेशन में देखने के साथ ही बहुत सारे फ़ीचर्स जैसे कि इंटरैक्टिव मल्टीमीडिया,वौइस्,स्ट्रीमिंग वीडियो और हाई स्पीड इंटरनेट आदि देखने को मिलने वाले है। 5G का लाभ दूरस्थ स्वास्थ्य सेवा,कृषि सेवा,सुरक्षित परिवहन आदि विभिन्न क्षेत्रों में उठाया जा सकेगा। हालांकि इसमें कुछ कमियां भी देखने को मिल सकती है जैसे 5G तकनीक अन्य सभी तकनीक की अपेक्षा अधिक मंहगी हो सकती है और इसके उपयोग के लिए यूजर के पास 5G नेटवर्क सपोर्ट मोबाइल फोन होना आवश्यक होगा। अब हमें देखना यह है कि यह 5G टेक्नोलॉजी जिस हाई स्पीड इंटरनेट का दावा कर रही हैं वह हमें मिल पाता है या नही? इसका जवाब तो 5G लॉन्च होने के बाद ही मिल सकेगा।
दोस्तों अभी आपने Mobile Network Generation के बारे में विस्तार से समझा और हमने 1G,2G,3G,4G और 5G network के बारे में भी आपको बताया। अगर आपको हमारी यह जानकारी पसन्द आई हो तो प्लीज अपने सोशल मीडिया एकाउंट पर शेयर करे और यदि आपके मन मे इस आर्टिकल से जुड़ा कोई भी सवाल है तो हमे कमेंट करके जवाब पूछ सकते हैं। आर्टीकल को अंत तक पढ़ने के लिए आपका धन्यवाद!!
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