हेलो दोस्तों। आज हम बात करने वाले हैं Networking के बारे में। इस आर्टिकल में हम आपको बताएंगे Networking kya hai? Networking के प्रकार और Networking डिवाइस कौन-कौन सी है। इन सभी जानकारियों को विस्तार से समझने के लिए आर्टिकल को लास्ट तक जरूर पढ़ें और यदि आपको हमारी यह जानकारी पसन्द आए तो अपने सोशल मीडिया एकाउंट पर भी शेयर करें।
Networking kya hai |
Networking kya hai
दो या दो से अधिक कंप्यूटर्स या नेटवर्किंग डिवाइस को आपस मे कनेक्ट करने की प्रक्रिया Networking कहलाती हैं। Networking के माध्यम से
वायर और वायरलेस के जरिए कंप्यूटर नेटवर्क तैयार किया जाता हैं। उदाहरण के लिए जब दो या दो से अधिक कंप्यूटर या कोई स्मार्ट फोन आपस में कनेक्ट किए जाते हैं तब एक कॉम्युनिकेशन चैनल के जरिए जो स्ट्रक्चर बनता है वह नेटवर्क कहलाता है और कंप्यूटर या स्मार्ट फोन के आपस में कनेक्ट होने के पूरे प्रोसेस को Networking कहा जाता हैं। Networking के माध्यम से एक ही समय में कई सारी डिवाइस के बीच टेक्स्ट,वीडिओज़, ऑडियो, डोकोमेंट,इनफार्मेशन आदि का डाटा ट्रांसमिशन किया जा सकता है। Networking को डाटा ट्रांसमिशन का सबसे बढ़िया प्लेटफॉर्म माना जाता है। Networking का सबसे बढ़िया उदाहरण इंटरनेट को माना जा सकता है क्योंकि इंटरनेट के माध्यम से लाखों लोग आपस में जुड़कर डाटा का आदान प्रदान करते हैं और कनेक्ट रहते हैं।
Networking के प्रकार
Networking मुख्यतः 3 प्रकार की होती हैं-
लोकल एरिया नेटवर्क (Local Area Network)
इस तरह की Networking का इस्तेमाल सीमित क्षेत्र में ही किया जाता हैं। इसलिए इसे LAN या local area network कहा जाता हैं इसका आकार या क्षेत्र काफी छोटा होता है जिसे किसी एक व्यक्ति या संस्थान द्वारा नियंत्रित किया जाता हैं। इस तरह की Networking में डाटा ट्रांसफर काफी तेजी से होता हैं।
मेट्रोपोलिटन एरिया नेटवर्क (Metropolitan Area Network)
इस तरह की Networking का परिक्षेत्र काफी बड़ा होता है इसलिए इसे मेट्रोपोलिटन एरिया नेटवर्क कहते है।
वाइड एरिया नेटवर्क (Wide Area Network)
यह Networking समस्त देशों और दुनिया के सभी कंप्यूटर्स को आपस में जोड़ने का कार्य करती हैं। यह दुनिया का सबसे बड़ा नेटवर्क माना जाता हैं। इंटरनेट WAN के अंतर्गत ही आता है।
Networking डिवाइस कौन-कौन सी हैं?
Network स्थापित करने के लिए विभिन्न Networking डिवाइस का यूज़ किया जाता हैं। नीचे कुछ Networking डिवाइस के नाम और उनके काम करने के तरीकों के बारे में विस्तार से बताया गया है-
HUB
इसका उपयोग मुख्य रूप से लोकल एरिया नेटवर्क के लिए किया जाता हैं। क्योंकि इसमें बहुत सारे पोर्ट्स होते हैं अगर इसमे कोई सूचना HUB पर भेजी जाती हैं तो इन सूचनाओं को HUB द्वारा लोकल ऐरिया पोर्ट्स पर भेज दिया जाता हैं। HUB दो प्रकार के होते हैं- पैसिव HUB, एक्टिव HUB
SWITCH
SWITCH को मल्टीपोर्ट ब्रिज भी कहते हैं। यह एक ऐसी नेटवर्किंग डिवाइस है जो नेटवर्क डिवाइस और सेगमेंटस को आपस मे जोड़ता है। SWITCH के मुख्यतः दो प्रकार है- अनमैनेज्ड Switches, मैनेज्ड Switches
BRIDGE
यह एक ऐसी Networking डिवाइस है जो कि डेटा फिल्टरिंग के साथ साथ नेटवर्क सेग्मेंट्स को भी आपस मे जोड़ने का कार्य करती हैं।
Router
यह एक इंटर Networking डिवाइस है जो कि दो या दो से अधिक Network को आपस मे जोड़ने का कार्य करता है।
Repeater
यह एक ऐसी Networking डिवाइस है जो डेटा सिग्नल को रिसीव कर उस सिग्नल को रीजनरेट और रेप्लिकेट कर आगे ट्रांसफर करता है। Repeater दो तरह के होते हैं- एनालॉग Repeater, डिजिटल Repeater
Modem
Modem भी Networking डिवाइस का सबसे बढ़िया उदाहरण है इसका सर्वाधिक इस्तेमाल इंटरनेट चलाने में किया जाता हैं। यह टेलीफोन लाइन के जरिए कंप्यूटर को इंटरनेट से जोड़ता है।
समाप्ति
अभी आपने Networking से जुड़ी समस्त जानकारी प्राप्त की। इस आर्टिकल में आपने पढ़ा Networking kya hai? Networking के प्रकार और Networking डिवाइस कौन कौन सी है। हमे पूरी आशा है कि आप Networking से जुड़ी सभी प्रकार की जानकारी प्राप्त कर चुके हैं लेकिन अब भी कोई Networking से जुड़ा सवाल आपके मन मे है तो हमे नीचे कमेंट कर सकते हैं।
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