Texting Addiction की समस्त जानकारी

Texting Addiction की समस्त जानकारी

आज हम Texting Addiction के बारे में बात करने वाले हैं. हम सभी Mobile में कई प्रकार की Social Media sites का उपयोग करते हैं.


जिससे कॉम्युनिकेशन सिस्टम को एक नई ऊँचाई मिल रही हैं, लेकिन अब हम पूरी तरह से इन पर निर्भर होने लगे हैं और दिन का अधिकतर समय Text Messages करने में ही बिताने लगे हैं। यह एक गम्भीर चिंता का विषय है, कहि हम Texting Addiction का शिकार तो नही बन चुके हैं?

Texting Addiction क्या हैं?

जब हम पूरे दिन कई घण्टों तक Messages टाइप करते रहते हैं, Mobile पर Chat करते रहते हैं, तो समझ लीजिए कि हम मानसिक रूप से बीमार हो चुके हैं। 


अपने सभी दोस्तों से लगातार जुड़े रहने के लिए कई घण्टो तक Chating करने की आदत एक बहुत ही गंभीर बीमारी का रूप ले चुकी हैं और इस बीमारी का नाम है Texting Addiction.


अगर हम डॉक्टरों की माने तो उनके अनुसार ज़्यादा Messages  टाइप करना एक आदत नही बल्कि एक प्रकार का नशा होता हैं, जो हमे धीरे धीरे मानसिक रूप से बीमार बना देता है।


हमारे देश के 60 प्रतिशत से भी ज़्यादा युवा हर रोज करीब 65 messages भेजते हैं और उनके पास लगभग 125 messages आते हैं। 


करीब 80 प्रतिशत लोग नए Messages की उम्मीद में बार बार अपना Mobile चेक करते रहते हैं उन्हें अपने Mobile phone पर दिनभर नए messages का ही इंतज़ार रहता है और जैसे ही Messages की अलर्ट टोन बजती है वो बेचैन हो जाते हैं तुरन्त अपना Mobile देखने लगते हैं कहा से message आया? किसका message आया? यही Texting Addiction कहलाता है।



Texting Addiction का कारण-

Mobile पर chating करने वाली आदत एक मानसिक बीमारी की तरफ आगे बढ़ती जा रही हैं इसे समझने के लिए जरूरी है कि हम पहले दिमाग में होने वाले एक रासायनिक परिवर्तन को ध्यान से समझे। 


यह एक प्रकार का केमिकल रिएक्शन होता है. हमारे दिमाग में डोपामीन नाम का एक हार्मोन पाया जाता है जो कि दिमाग को खुश होने व इच्छाएं पैदा करने का अहसास देता है. इसे विज्ञान की भाषा में लाइकिंग सिस्टम और वांटिंग सिस्टम कहते हैं।


जब हम Mobile पर अपने दोस्तों से Chat करते हैं तब हमें खुशी का अनुभव होने लगता है यानि हमारा लाइकिंग सिस्टम ऑन हो जाता है.लेकिन जब  chating करने की समय सीमा बढ़ने लगती है तो यह हार्मोन अधिक मात्रा में पैदा होने लगता है जिससे वांटिंग सिस्टम तेजी से Active होने लगता है।

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वैज्ञानिकों की यदि माने तो वांटिंग सिस्टम हमारे लाइकिंग सिस्टम से ज़्यादा ताकतवर होता है। यदि हम इस बात को साधारण भाषा में कहे तो किसी चीज को पाने या हासिल करने की इच्छा उसे पसंद करने की इच्छा से ज़्यादा प्रबल और ताकतवर होती है और इसी वजह से आप Texting Addiction का शिकार हो जाते हैं। 


टाइम मैगज़ीन के अनुसार दुनिया के लगभग 68 प्रतिशत लोग सोते समय अपने Mobile को अपने पास ही रखते हैं जबकि उनमे से 20 प्रतिशत लोग हर 10 मिनट में यह सोचकर Mobile चेक करते रहते हैं कि कहि कोई नया message या notification तो नही आया होगा। इन सभी कारणों से Texting Addiction हम पर हावी हो जाता है।



Texting Addiction के लक्षण-

देश मे मानसिक बीमारियों का इलाज करने वाले अस्पताल नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ़ मेन्टल हेल्थ एन्ड न्यूरो साइंसेस ने अपनी एक रिपोर्ट में बताया था कि 19 साल की एक लड़की जो कि जरूरत से ज़्यादा messages type करने से Texting Addiction का शिकार हो चुकी है


हमारे देश का यह पहला ऐसा बीमारी का केस बताया गया है जिसमे कोई जरुरत से ज़्यादा message type करने की वजह से ईलाज करवा रहा है उनके अनुसार वो हर रोज 8 से 10 घण्टे तक अपने Mobile से messages करती थी और इस दौरान वो लगभग 200 से भी ज़्यादा messages type करती थी।


इस बीमारी के कुछ सुरुआति लक्षण  निम्न प्रकार से हैं-

(1) इस बीमारी के होने पर खाने पीने व नींद की आदतों में जबरदस्त बदलाव होने लगते हैं।

(2) डिप्रेशन होने लगता है तथा परिवार के सदस्यों से बातचीत कम कर देते हैं।

(3) अपने Mobile Phone के बिना 1 मिनट भी नही रहा  जाता है।

(4) Social media sites पर पहले से ज़्यादा सक्रिय रहने लगे जाते हैं।

(5) Mobile पर कोई भी notifications आने पर तुरन्त अपना Mobile जांच करते हैं।

(6) सुबह उठने पर सबसे पहले Mobile को देखते हैं।

(7) अपना अधिकतर समय Mobile पर Chat करने में बिताने लगते हैं।

(8) कोई भी कार्य करते समय Mobile का उपयोग करते रहते हैं।

(9) रात में लेट तक Mobile का उपयोग करते रहते हैं।

(10) अपना Mobile एक पल के लिए भी किसी और के हाथों में नही देते हैं।




Texting Addiction से बचाव के उपाय-

Texting Addiction से बचाव के कुछ उपाय इस प्रकार है-


(1) लिमिट समय के लिए ही Mobile का उपयोग करे।


(2) इम्पोर्टेन्ट Call आने पर ही Mobile को हाथ में ले।


(3) whatsapp, facebook, instagram जैसे social sites का ज़्यादा समय तक उपयोग नही करे आवश्यक होने पर ही उपयोग करे।


(4) सोते समय अपना Mobile हमेशा switch off रखे।


(5) कभी भी उठते ही Mobile का उपयोग ना करे।


(6) आवश्यक होने पर ही Text message करे अन्यथा Call पर बात कर ले।


(7) अनजान लोगों से अधिक समय तक social media sites पर बात ना करे यह समय की बर्बादी मात्र है।


(8) कोई भी कार्य करते समय mobile को खुद से दूर रखें क्योंकि notification या message आने पर Mobile तुरंत देखना हमारी आदत बन गई है।


(9) रात में निंन्द नही आने पर कभी भी Mobile का उपयोग नही करे अपनी मनपसंद बुक पढ़े।


(10) सोते समय Mobile को अपने तकिये के पास ना रखे।

पूरे विश्व मे जितनी तेजी से Texting Addiction की समस्या बढ़ रही है उसे देखते हुए अपना भविष्य कितना असहज और खतरनाक हो सकता है अभी शायद हम इसकी कल्पना भी नही कर सकते हैं।इसलिए जरूरी है कि समय रहते इस बीमारी से खुद को बचा लिया जाए।

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